
क्या हार में क्या जीत में ! किंचित नहीं भयभीत मैं
संधर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही।
वरदान नहीं मानूंगा, हार नहीं माँगूँगा
क्या हार में क्या जीत में ! किंचित नहीं भयभीत मैं
संधर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही।
वरदान नहीं मानूंगा, हार नहीं माँगूँगा